कल्पना कीजिए, आपका फोन बजता है, स्क्रीन पर एक मैसेज आता है – “हम अब साथ नहीं रह सकते।” दिल टूटता है, आंसू बहते हैं, और रातें नींद से महरूम हो जाती हैं। या फिर, सोशल मीडिया पर एक दोस्त की पोस्ट देखकर लगता है कि सबकी जिंदगी परफेक्ट है, सिवाय आपकी। जेनरेशन Z के युवा, जो 1997 के बाद पैदा हुए हैं, ऐसी अनगिनत कहानियों से गुजरते हैं। इस कोर्स का नाम है – “युवा रिश्तों की समझ: दोस्ती, प्रेम और ब्रेकअप की कला”। यह सिर्फ एक 4-क्रेडिट कोर्स नहीं, बल्कि एक भावनात्मक रेवोल्यूशन है, जो 2025-26 सेशन से शुरू हो रहा है। और हां, यह कोर्स बोरिंग लेक्चर्स से कोसों दूर है – इसमें है स्टोरीज, डिबेट्स, और वो सब जो आपको हंसाएगा, रुलाएगा, और सबसे बढ़कर, सशक्त बनाएगा!
आज की दुनिया में युवा होना आसान नहीं। इंस्टाग्राम पर परफेक्ट कपल्स की तस्वीरें, टिंडर पर स्वाइप्स की बाढ़, और व्हाट्सएप पर घोस्टिंग (अचानक गायब हो जाना) – ये सब रिश्तों को एक जंग का मैदान बना देते हैं। स्टेटिस्टिक्स बताते हैं कि भारत में 18-25 साल के युवाओं में 40% से ज्यादा ब्रेकअप के बाद डिप्रेशन से जूझते हैं। पारंपरिक शिक्षा हमें गणित, साइंस सिखाती है, लेकिन दिल टूटने पर क्या करें? दोस्त की बेवफाई पर कैसे रिएक्ट करें? दिल्ली यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने इसी गैप को भरने के लिए यह कोर्स डिजाइन किया है। यह सभी ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए ओपन है – चाहे आप आर्ट्स पढ़ रहे हों या साइंस। चार हफ्तों में, आप न सिर्फ रिश्तों के मास्टर बनेंगे, बल्कि खुद से प्यार करना भी सीखेंगे। तो, चलिए इस कोर्स की जर्नी पर निकलते हैं, स्टेप बाय स्टेप, लेकिन बोरिंग तरीके से नहीं – बल्कि स्टोरीज और रियल लाइफ एग्जाम्पल्स के साथ!
सप्ताह 1: दोस्ती – वो बंधन जो दिल को संभालता है
पहले हफ्ते में कोर्स आपको दोस्ती की दुनिया में ले जाता है। याद कीजिए वो स्कूल के दिन, जब एक दोस्त की हंसी आपकी सारी टेंशन भुला देती थी। लेकिन अब, कॉलेज में दोस्ती बदल गई है – सोशल मीडिया पर लाइक्स मिलते हैं, लेकिन असली सपोर्ट कहां? लेक्चर 1 में आप सीखेंगे दोस्ती की डेफिनिशन: ये सिर्फ हैंगआउट नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ का पिलर है। विश्वास, सपोर्ट और बिना शर्त का प्यार – यही दोस्ती का सार है।
लेक्चर 2 में बात होगी सीमाओं की। क्या आपने कभी सोचा कि दोस्ती में “नो” कहना क्यों जरूरी है? एक रियल स्टोरी: एक स्टूडेंट ने शेयर किया कि उसका दोस्त हमेशा उसकी मदद मांगता था, लेकिन कभी रिटर्न नहीं करता। नतीजा? रिश्ता टूटा। कोर्स आपको सिखाएगा सच्चे दोस्त और फेक फ्रेंड्स में फर्क करना। लेक्चर 3 में फोकस इमोशनल इंटेलिजेंस पर – संघर्षों को कैसे सॉल्व करें? जैसे, अगर दोस्त से झगड़ा हो, तो क्रोध में मैसेज डिलीट करने की बजाय बात करके सुलझाएं।
और ट्यूटोरियल? “मेरे सबसे अच्छे दोस्त की कहानी” – यहां आप अपनी स्टोरी शेयर करेंगे। कल्पना कीजिए, क्लासरूम में हंसी-मजाक, आंसू और क्लैप्स – ये वो मोमेंट्स हैं जो कोर्स को जिंदा बनाते हैं। पहले हफ्ते के अंत तक, आप महसूस करेंगे कि दोस्ती सिर्फ टाइमपास नहीं, बल्कि लाइफलाइन है!
सप्ताह 2: प्यार – वो जादू जो समझ से शुरू होता है
अब आते हैं रोमांस पर! दूसरे हफ्ते में कोर्स प्यार की लेयरों को खोलता है। लेक्चर 4 में प्रेम के टाइप्स: प्लेटोनिक (दोस्ताना प्यार), इंटीमेट (गहरा कनेक्शन), या लॉन्ग-डिस्टेंस (जो आजकल बहुत कॉमन है)। क्या आप जानते हैं कि शारीरिक आकर्षण सिर्फ शुरुआत है, लेकिन असली प्यार भावनात्मक बॉन्ड से बनता है? एक केस स्टडी: एक कपल जो लॉन्ग-डिस्टेंस में टूट गया क्योंकि कम्युनिकेशन गैप था।
लेक्चर 5 में सबसे इंपॉर्टेंट टॉपिक – सहमति। “ना मतलब ना” – ये सिर्फ स्लोगन नहीं, बल्कि रिश्ते की बेसिस है। कोर्स आपको सिखाएगा सीमाओं का सम्मान करना, क्योंकि बिना इसके प्यार जहरीला हो जाता है। लेक्चर 6 में संचार: ईमानदारी और पारदर्शिता। उदाहरण के लिए, अगर पार्टनर को डाउट है, तो छिपाने की बजाय ओपन टॉक करें।
ट्यूटोरियल “प्यार के सही मायने” में डिबेट: क्या प्यार सुरक्षा है या फ्रीडम? क्लास में बहसें होंगी, लाफ्टर होगा, और आप अपने व्यूज शेयर करेंगे। ये हफ्ता आपको एहसास कराएगा कि प्यार कोई फैरीटेल नहीं, बल्कि एक स्किल है जो सीखी जा सकती है!
सप्ताह 3: ब्रेकअप – दर्द से निकलकर मजबूत बनना
तीसरा हफ्ता सबसे इमोशनल है – ब्रेकअप पर। लेक्चर 7 में कारण: अपेक्षाएं, चीटिंग, या मिसमैच। क्या आपने कभी सोचा कि ब्रेकअप शोक की तरह है? लेक्चर 8 में शोक के 5 स्टेज: डिनायल, एंगर, बार्गेनिंग, डिप्रेशन, और एक्सेप्टेंस। एक रियल स्टोरी: एक गर्ल ने शेयर किया कि ब्रेकअप के बाद वो महीनों डिप्रेस्ड रही, लेकिन थेरपी से निकली।
लेक्चर 9 में हीलिंग: खुद को री-डिस्कवर करना। माइंडफुलनेस, ब्रेथिंग एक्सरसाइजेज – ये टूल्स आपको देंगे। ट्यूटोरियल “एक अधूरी कहानी – मगर मजबूत मैं” में आप अपनी स्टोरी शेयर करेंगे। ये सेशन कैथार्टिक है – दर्द बाहर निकालकर, आप नई एनर्जी पाएंगे। ब्रेकअप कोर्स का ये पार्ट बताता है कि टूटना अंत नहीं, नई शुरुआत है!
सप्ताह 4: डिजिटल दुनिया में रिश्ते – रियल vs वर्चुअल
आखिरी हफ्ता आज की रियलिटी पर: सोशल मीडिया। लेक्चर 10 में इफेक्ट्स: इंस्टा पर परफेक्ट लाइफ देखकर FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट)। लेक्चर 11 में घोस्टिंग और कंपेरिजन कल्चर – क्यों लाइक्स रिश्तों को डिफाइन करते हैं? लेक्चर 12 में बैलेंस: वर्चुअल फ्रेंडशिप vs रियल कनेक्शन।
ट्यूटोरियल “वर्चुअल कनेक्शन बनाम असली रिश्ते” में आपके एक्सपीरियंस – ऑनलाइन फ्रेंड्स से क्या सीखा? ये हफ्ता आपको डिजिटल डिटॉक्स सिखाएगा, ताकि रिश्ते स्क्रीन पर न रहें, बल्कि दिल में बसें।
कोर्स की खासियतें: क्यों ये बोरिंग नहीं?
यह कोर्स सिर्फ लेक्चर्स नहीं – इसमें इंटरएक्टिव क्लासेस, केस स्टडीज (रियल लाइफ स्टोरीज), माइंडफुलनेस सेशंस, ग्रुप डिस्कशंस और राइटिंग एक्सरसाइजेज हैं। हर हफ्ते तीन लेक्चर्स और एक ट्यूटोरियल – टोटल 12 लेक्चर्स जो आपकी लाइफ चेंज करेंगे। आकलन? 40% पार्टिसिपेशन (क्लास में बोलो, तो मार्क्स मिलेंगे!), 30% केस स्टडी राइटिंग, और 30% फाइनल क्विज। पास होने पर सर्टिफिकेट – जो आपके रिज्यूमे में गोल्डन स्टार की तरह चमकेगा!
क्यों जॉइन करें? क्योंकि ये कोर्स मेंटल हेल्थ स्ट्रॉन्ग करता है – डिप्रेशन से लड़ना सिखाता है। रिश्तों में मैच्योरिटी लाता है, सेल्फ-एस्टीम बूस्ट करता है, डिजिटल स्ट्रेस से बचाता है, और कम्युनिकेशन स्किल्स शार्प करता है। इमेजिन, आप ब्रेकअप के बाद रोने की बजाय मुस्कुराते हुए आगे बढ़ें – ये पॉसिबल है!
समाज में बदलाव: एक नई क्रांति
यह कोर्स सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए नहीं, बल्कि सोसाइटी के लिए गेम-चेंजर है। पारंपरिक सोच में रिश्ते रोमांटिक ग्लैमर तक सीमित थे, लेकिन अब समझदारी और इमोशनल इंटेलिजेंस आएगा। नैरेटिव थेरपी और CBT जैसे टूल्स से युवा खुद को बेहतर समझेंगे। भविष्य में, एक ऐसा समाज जहां युवा सहिष्णु, समझदार और सेल्फ-रिलायंट होंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी की ये इनिशिएटिव अन्य यूनिवर्सिटीज के लिए इंस्पिरेशन बनेगी – क्योंकि भावनाओं की एजुकेशन अब जरूरी है!
तो, अगर आप जेन Z हैं और रिश्तों की उलझनों से थक चुके हैं, तो इस कोर्स को जॉइन करें। ये आपकी लाइफ की बेस्ट इन्वेस्टमेंट होगी – जहां आप सीखेंगे कि प्यार खुद से शुरू होता है। रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू होगा – मिस न करें! दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस कोर्स से निकलकर, आप न सिर्फ स्मार्ट, बल्कि हार्ट-स्मार्ट बनेंगे। तैयार हैं इस जर्नी के लिए? दिल कहता है, हां!