“युवा रिश्तों की समझ: दोस्ती, प्रेम और ब्रेकअप” (युवा रिश्तों की समझ)
आज के समय में जेनरेशन ज़ेड (Gen Z) – यानी वर्ष 1997 के बाद जन्म लेने वाले युवा – एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ तकनीक, सोशल मीडिया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता ने उनके सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक जीवन को पूरी तरह प्रभावित किया है। पारंपरिक शिक्षा प्रणाली ने अकादमिक सफलता पर तो ध्यान दिया है, लेकिन जीवन के जटिल रिश्तों, भावनात्मक समझ, और ब्रेकअप जैसी वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से निपटने की तैयारी के लिए युवाओं को आवश्यक ज्ञान नहीं दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस आवश्यक पहलू को पहचानते हुए 2025-26 शैक्षणिक सत्र से एक विशेष 4-क्रेडिट कोर्स लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य है – युवा रिश्तों की समझ को विकसित करना। इस कोर्स को विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा और यह सभी स्नातक पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए खुला रहेगा।
कोर्स की आवश्यकता क्यों?
आज के युवा जिस दुनिया में जी रहे हैं, वह तेज़ी से बदल रही है। सोशल मीडिया पर भावनाओं का प्रदर्शन, ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स की भरमार, और तत्काल संतुष्टि की चाहत ने रिश्तों के स्वरूप को जटिल बना दिया है। रिश्तों की परिभाषाएँ बदल रही हैं, लेकिन उन रिश्तों को निभाने की समझ या टूटने पर खुद को सँभालने की शक्ति युवाओं में विकसित नहीं हो पा रही।
इस कोर्स का मूल उद्देश्य है – छात्रों को मानसिक रूप से सशक्त बनाना ताकि वे दोस्ती, प्रेम और ब्रेकअप जैसी भावनात्मक अवस्थाओं को समझ सकें, स्वीकार कर सकें और परिपक्व रूप से प्रबंधित कर सकें।
कोर्स का स्वरूप
यह एक चार सप्ताह का कोर्स है, जिसमें प्रति सप्ताह तीन व्याख्यान और एक ट्यूटोरियल होगा। इसका माध्यम संवाद, केस स्टडी, विचार विमर्श और मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर आधारित होगा।
सप्ताह 1: दोस्ती का मनोविज्ञान और सामाजिक महत्व
दोस्ती की परिभाषा
दोस्ती केवल एक सामाजिक रिश्ता नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का एक स्तंभ है। यह रिश्ता बिना किसी शर्त के अपनापन, सहयोग और विश्वास पर आधारित होता है। यह कोर्स छात्रों को यह समझाएगा कि:
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दोस्ती में सीमाएँ क्यों ज़रूरी हैं
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सच्चे दोस्त और दिखावटी मित्रों में कैसे फर्क करें
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दोस्ती में संघर्षों को कैसे सकारात्मक रूप में सुलझाएँ
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दोस्ती का आत्म-छवि और आत्म-सम्मान पर प्रभाव
ट्यूटोरियल: “मेरे सबसे अच्छे दोस्त की कहानी”
छात्र अपनी मित्रता की सबसे गहरी और प्रेरणादायक कहानी साझा करेंगे, जिससे रिश्तों की विविधता और गहराई को समझने में मदद मिलेगी।
सप्ताह 2: रोमांटिक रिश्तों की समझ
प्रेम की परिभाषा
प्यार केवल भावनात्मक आकर्षण नहीं है, बल्कि इसमें समझ, सम्मान, जिम्मेदारी और एक-दूसरे के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने की भावना शामिल होती है। इस सप्ताह के मुख्य विषय होंगे:
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रोमांटिक संबंधों के प्रकार: प्लेटोनिक, इंटीमेट, लॉन्ग डिस्टेंस, आदि
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शारीरिक आकर्षण बनाम भावनात्मक जुड़ाव
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सहमति का महत्व – “ना मतलब ना” का सही अर्थ
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रिलेशनशिप में संचार, ईमानदारी और पारदर्शिता की भूमिका
ट्यूटोरियल: “प्यार के सही मायने”
छात्रों से पूछा जाएगा – क्या प्यार आपके लिए सुरक्षा है या स्वतंत्रता? यह चर्चा उनके दृष्टिकोण को गहराई से समझने में मदद करेगी।
सप्ताह 3: ब्रेकअप और हार्टब्रेक – मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से
ब्रेकअप की प्रक्रिया और उसका प्रभाव
ब्रेकअप एक भावनात्मक शोक जैसी प्रक्रिया होती है, जिसमें व्यक्ति दुःख, अस्वीकार, क्रोध, और अंततः स्वीकृति से गुजरता है। इस सप्ताह में निम्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी:
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ब्रेकअप के सामान्य कारण: अपेक्षाएँ, धोखा, असामंजस्य
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मानसिक लक्षण: अवसाद, अकेलापन, आत्म-संदेह
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शोक के पाँच चरण: अस्वीकृति, क्रोध, सौदेबाजी, दुःख और स्वीकृति
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ब्रेकअप के बाद स्वयं को पुनः खोजने की कला
ट्यूटोरियल: “एक अधूरी कहानी – मगर मजबूत मैं”
छात्रों को प्रेरित किया जाएगा कि वे कोई अनुभव साझा करें जिसने उन्हें मजबूत बनाया, भले ही वह रिश्ता टूट गया हो।
सप्ताह 4: डिजिटल युग में रिश्तों की चुनौतियाँ
सोशल मीडिया और रिश्ते
इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, व्हाट्सएप पर ऑनलाइन जीवन हमारे वास्तविक रिश्तों को किस प्रकार प्रभावित करता है, इस पर गहराई से चर्चा होगी:
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FOMO (Fear of Missing Out)
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Ghosting (बिना बताये रिश्ता तोड़ना)
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डिजिटल लाइक्स और रिश्तों का मूल्य
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आभासी मित्रता बनाम वास्तविक मित्रता
ट्यूटोरियल: “वर्चुअल कनेक्शन बनाम असली रिश्ते”
छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन संबंधों के अपने अनुभव साझा करेंगे, जिससे यह समझने में मदद मिलेगी कि किस स्तर तक डिजिटल दुनिया भावनात्मक जीवन को आकार देती है।
कोर्स की प्रमुख विशेषताएँ
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इंटरएक्टिव कक्षा: शिक्षक और छात्रों के बीच खुला संवाद
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मनोवैज्ञानिक केस स्टडी: वास्तविक घटनाओं पर आधारित चर्चा
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माइंडफुलनेस तकनीकें: ध्यान, साँस तकनीक, आत्म-अवलोकन
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समूह चर्चा और लेखन अभ्यास
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सर्टिफिकेट: सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करने पर प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा
शिक्षण दृष्टिकोण
कोर्स का निर्माण इस दृष्टिकोण से किया गया है कि यह न केवल ज्ञान प्रदान करे, बल्कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional Intelligence) को विकसित करने में भी मदद करे। इसमें नैरेटिव थेरेपी, संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) के सिद्धांतों का सहज उपयोग होगा, जो छात्रों को व्यवहारिक रूप से रिश्तों को समझने और सँभालने की क्षमता देंगे।
🔖 कोर्स संरचना (Course Structure Weekly Format):
सप्ताह 1: दोस्ती का मनोविज्ञान और सामाजिक महत्व
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लेक्चर 1: दोस्ती की परिभाषा, मनोवैज्ञानिक पक्ष
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लेक्चर 2: सच्ची मित्रता और सीमाओं की भूमिका
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लेक्चर 3: संघर्ष, विश्वास और इमोशनल इंटेलिजेंस
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ट्यूटोरियल: “मेरे सबसे अच्छे दोस्त की कहानी” (छात्र अनुभव साझा करें)
सप्ताह 2: रोमांटिक रिश्तों की समझ
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लेक्चर 4: प्रेम के प्रकार और मनोवैज्ञानिक आयाम
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लेक्चर 5: सहमति, सीमाएं और सम्मान
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लेक्चर 6: रिलेशनशिप में संचार और पारदर्शिता
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ट्यूटोरियल: “प्यार के सही मायने” (छात्र-चर्चा आधारित)
सप्ताह 3: ब्रेकअप और मानसिक स्वास्थ्य
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लेक्चर 7: ब्रेकअप के कारण और प्रभाव
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लेक्चर 8: मानसिक लक्षण और शोक चक्र
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लेक्चर 9: आत्म-पुनर्निर्माण और सीखने की प्रक्रिया
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ट्यूटोरियल: “एक अधूरी कहानी – मगर मजबूत मैं”
सप्ताह 4: डिजिटल युग में रिश्तों की चुनौतियाँ
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लेक्चर 10: सोशल मीडिया और रिश्तों पर प्रभाव
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लेक्चर 11: FOMO, Ghosting और Comparison Culture
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लेक्चर 12: वर्चुअल बनाम वास्तविक संबंधों की समझ
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ट्यूटोरियल: “वर्चुअल कनेक्शन बनाम असली रिश्ते”
🧪 आकलन प्रणाली (Assessment Structure):
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40%: कक्षा सहभागिता और ट्यूटोरियल प्रजेंटेशन
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30%: केस स्टडी / अनुभव लेखन
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30%: अंतिम मूल्यांकन (लघु परीक्षा / ऑनलाइन क्विज़)
क्यों यह कोर्स हर युवा के लिए अनिवार्य है?
- मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के लिए: इस कोर्स के माध्यम से युवाओं को अपनी भावनाओं को समझने, उन्हें व्यक्त करने और संतुलित रखने की कला सिखाई जाती है। यह उन्हें अवसाद, चिंता और आत्म-संदेह जैसी समस्याओं से जूझने में मानसिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे उनका समग्र मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- रिश्तों में परिपक्वता लाने के लिए: युवाओं को यह कोर्स सिखाता है कि रिश्ते केवल भावनाओं का नहीं, समझदारी और ज़िम्मेदारी का भी हिस्सा हैं। यह परिपक्व दृष्टिकोण विकसित करता है जो उन्हें स्थायी और स्वस्थ संबंध बनाने में मदद करता है।
- आत्म-सम्मान को बनाए रखने के लिए: ब्रेकअप या अस्वीकृति जैसी परिस्थितियों में आत्म-सम्मान टूट सकता है। यह कोर्स आत्मबोध और आत्म-मूल्य की समझ को मजबूत करता है, जिससे युवा खुद को कमजोर नहीं समझते, बल्कि सीखते हैं कि उनका मूल्य दूसरों की राय से परे है।
- डिजिटल अवसाद से बचने के लिए: सोशल मीडिया की तुलना, लाइक्स की दौड़ और ऑनलाइन रिजेक्शन जैसे कारणों से युवा अवसाद का शिकार हो जाते हैं। यह कोर्स उन्हें डिजिटल जीवन और असली जीवन के बीच संतुलन सिखाता है, जिससे वे मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं।
- स्वस्थ संवाद और सहमति को समझने के लिए: रिश्तों में संवाद और सहमति सबसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। यह कोर्स युवाओं को यह सिखाता है कि कैसे वे बिना दबाव के अपनी बात रखें, दूसरों की सीमाओं का सम्मान करें और एक-दूसरे की भावनाओं को महत्व दें, जिससे रिश्ते मजबूत बनते हैं।
समाज में परिवर्तन की संभावना
यह कोर्स एक नई सामाजिक क्रांति की ओर इशारा करता है, जहाँ युवा रिश्तों को केवल रोमांटिक दृष्टि से नहीं, बल्कि समझदारी, जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता से देखने लगेंगे। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए मानसिक रूप से अधिक संतुलित समाज निर्माण का आधार बनेगी।
“युवा रिश्तों की समझ: दोस्ती, प्रेम और ब्रेकअप की कला” केवल एक कोर्स नहीं, बल्कि एक आत्मिक यात्रा है, जो छात्रों को न केवल दूसरों को समझने, बल्कि स्वयं को पहचानने का अवसर देती है। यह कोर्स पारंपरिक शिक्षा के उस खाली स्थान को भरता है जहाँ भावनाओं की कोई किताब नहीं थी, और जहाँ दिल के टूटने पर कोई उत्तर पुस्तिका नहीं थी।
🎁 प्रमाण पत्र (Certification):
कोर्स पूर्ण करने और मूल्यांकन में सफल होने पर प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
- 4 Sections
- 16 Lessons
- 10 Weeks
- मोड्यूल 1: दोस्ती का मनोविज्ञान और सामाजिक महत्व4
- मोड्यूल 2: रोमांटिक रिश्तों की समझ4
- मोड्यूल 3: ब्रेकअप और मानसिक स्वास्थ्य4
- मोड्यूल 4: डिजिटल युग में रिश्तों की चुनौतियाँ4

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